The smart Trick of piles treatment home remedies That No One is Discussing
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डिजिटल रेक्टल परीक्षा : यह निदान का दूसरा चरण है। सूजी हुई रक्त वाहिकाओं को महसूस करने के लिए डॉक्टर मलाशय में एक दस्ताने वाली, चिकनाई उंगली डालकर देखते है। जांच के दौरान, डॉक्टर स्किन टैग, स्फिंक्टर टोन और पेरिअनल हाइजीन की जांच करते हैं।
उच्च जटिलता दर के बावजूद सफलता दर रबर बैंड लिगेशन के साथ उच्चतम है।
दिन में एक बार खाली पेट गर्म पानी पिएं।
यदि घरेलू उपायों से राहत न मिले या रक्तस्राव और दर्द बढ़ जाए तो चिकित्सक से संपर्क करें।
अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहे या खून आना बढ़ जाए तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है.
क्रेडीहेल्थ आपकी सभी स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं के लिए एक ऑनलाइन समाधान है। हमारे चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम सही डॉक्टर और अस्पताल खोजने से लेकर किसी भी प्रकार की सहायता तक हर कदम पर आपके लिए मौजूद है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए परिवारों को शिक्षित और सशक्त बनाते हैं स्वास्थ्य देखभाल संबंधी निर्णय लिए जाते हैं। व्यक्तिगत सलाह के साथ, हम पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा वितरण का चेहरा बदल रहे हैं।
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बादी बवासीर में पेट की समस्या अधिक रहती है। कब्ज एवं गैस की समस्या बनी ही रहती है। इसके मस्सों में रक्तस्राव नहीं होता। यह मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें बार-बार खुजली एवं जलन होती है। शुरुआती अवस्था में यह तकलीफ नहीं देते, लेकिन लगातार अस्वस्थ खान-पान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इनमें खून जमा हो जाता है, और सूजन हो जाती है।
अर्जुन की छाल को पानी में उबालें और इसे दिन में दो बार पिएं।
शौच के बाद भी पेट साफ ना हेने का आभास होना।
नागकेसर: रक्तस्राव को रोकने में सहायक।
कोलोनोस्कोपी : किसी भी असामान्य वृद्धि, लाल या सूजे हुए ऊतक, घावों (अल्सर), या रक्तस्राव की जांच के लिए डॉक्टर कोलोनोस्कोप (लंबी, लचीली, रोशनी वाली ट्यूब) का उपयोग check here करके पूरे कोलन की जांच कर सकते है।
बवासीर में गुदा एवं मलाशय के निचले भाग की रक्तवाहिनियों में सूजन आ जाती है। ऐसा लम्बे समय तक कब्ज और शौच में अत्यधिक समय तक बैठे रहने से होता है।
बवासीर एक आम समस्या है, लेकिन इसे समय पर पहचानकर उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव से आसानी से ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद और घरेलू उपचार इसके उपचार में अत्यंत प्रभावी हैं। यदि समस्या गंभीर हो, तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी है।